वसंत के दौरान मक्का की फसल न लगाएं पंजाब के किसान, ये है बड़ी वजह

maiz farming

Punjab Ground Water level Down: पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के एक रिपोर्ट के अनुसार, वसंत के समय में मक्के की खेती farming नहीं करनी चाहिए. मार्च से तापमान 35 डिग्री सेंटीग्रेड से जून में 45 डिग्री तक बढ़ने लगता है. ऐसे में मक्का की खेती से जमीन का जलस्तर और नीचे हो जाता है.

👉वसंत में क्यों नहीं करनी चाहिए मक्का की खेती?👈
 👇👇👇👇

👉👉इसपर click करे 👈👈

पंजाब में भारी संख्या में किसान मक्का की खेती maiz farming करते हैं और ठीक-ठाक मुनाफा भी कमाते हैं. यहां इस फसल की ज्यादातर बुवाई खरीफ के दौरान यानी जून के मध्य से शुरू होती है. मक्का की फसल को धान के मुकाबले कम सिंचाई की जरूरत पड़ती है. इसलिए इसे धान की फसल maiz farming का विकल्प भी माना जाता है. हालांकि, पंजाब में कई किसान वसंत की शुरुआत में भी मक्का की बुवाई करते नजर आते हैं.

पंजाब के जालंधर, होशियारपुर, नवांशहर और कपूरथला, गुरदासपुर, रोपड़ और लुधियाना आलू की पट्टी वाले जिलों में ज्यादातर वसंत मक्का बोई जाती है. आलू की कटाई फरवरी के अंत तक समाप्त होती है, ऐसे में खेत maiz farming खाली रहते हैं. इस दौरान फरवरी से मध्य जून तक किसान धान से पहले एक और फसल उगाना पसंद करते हैं. इससे उन्हें ठीक-ठाक मुनाफा भी हो जाता है. चूंकि यह फसल मात्र 120 से 122 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी maiz farming कटाई भी जून तक पूरी हो जाती है. ऐसे किसान के पास धान की बुवाई से पहले अच्छा-खासा मुनाफा कमाने का मौका रहता है.

वसंत में क्यों नहीं करनी चाहिए मक्का की खेती?

👉वसंत में क्यों नहीं करनी चाहिए मक्का की खेती?👈
 👇👇👇👇

👉👉इसपर click करे 👈👈

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *